Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) एक ऐसी स्थिति है जिससे दुनियाभर में लगभग 5% से 15% महिलाएं प्रभावित होती हैं। यह समस्या अक्सर इंसुलिन रेसिस्टेंस (insulin resistance – यानी शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं), वज़न बढ़ना, और अन्य मेटाबॉलिक समस्याएं (metabolic disorders – जैसे थकान, हाई ब्लड शुगर, अनियमित पीरियड्स) का कारण बनती है।
भारत में भी बहुत-सी युवतियाँ और महिलाएं PCOS की वजह से अनचाहे बाल, मुंहासे और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याओं से जूझती हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि सही डाइट और लाइफस्टाइल बदलाव के ज़रिए इन लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
इस लेख में हम बात करेंगे कि PCOS में क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से बचना चाहिए, ताकि शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलन में लाया जा सके और आप बेहतर महसूस करें — बिना ज़रूरत से ज़्यादा दवाओं के।
PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) क्या है?
Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) एक हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance – यानी शरीर में हार्मोन का स्तर असामान्य होना) है, जो महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को प्रभावित करता है। यह स्थिति आमतौर पर तीन बड़ी समस्याओं से जुड़ी होती है — इंसुलिन लेवल में गड़बड़ी (insulin resistance), क्रॉनिक सूजन (chronic inflammation), और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर (metabolic issues)।
PCOS से पीड़ित महिलाओं को अक्सर:
- अनियमित पीरियड्स (irregular menstrual cycles)
- अत्यधिक चेहरे और शरीर के बाल (excessive body or facial hair)
- वज़न कम करने में कठिनाई (difficulty with weight loss) होती है।
इसके अलावा, अगर समय पर इलाज न हो तो यह स्थिति:
- हृदय रोग (heart disease),
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर (endocrine disorders), और
- अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं (जैसे टाइप 2 डायबिटीज) का खतरा भी बढ़ा सकती है।
👉 समय रहते डायग्नोसिस और लाइफस्टाइल में बदलाव (जैसे खान-पान, व्यायाम, और तनाव नियंत्रण) से PCOS को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
PCOS के आम लक्षण क्या हैं?
Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हार्मोन असंतुलन (hormonal imbalance) और इंसुलिन सेंसिटिविटी में गड़बड़ी (insulin sensitivity issues) के कारण शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं—कभी हल्के, कभी गंभीर। अगर समय रहते इनकी पहचान हो जाए, तो इलाज और मैनेजमेंट आसान हो जाता है।
PCOS के सामान्य लक्षण:
🔸 अनियमित पीरियड्स
– मासिक धर्म का देर से आना, लंबे समय तक रुकना, या पूरी तरह बंद हो जाना आम लक्षण है।
🔸 शरीर पर अतिरिक्त बाल (Excess Hair Growth)
– शरीर में मेल हार्मोन (male hormones – एंड्रोजेन्स) के बढ़ने से चेहरे, छाती या पीठ पर अनचाहे बाल उग सकते हैं।
🔸 वज़न बढ़ना या कम न होना
– PCOS से पीड़ित महिलाएं अक्सर वज़न तेजी से बढ़ने या वजन कम न कर पाने की समस्या बताती हैं।
🔸 सिर के बाल झड़ना (Hair Thinning)
– एंड्रोजन के स्तर में बढ़ोतरी के कारण स्कैल्प पर बाल पतले या कम हो सकते हैं।
🔸 त्वचा से जुड़ी समस्याएं
– जैसे मुंहासे (acne), या गर्दन व बगल में काली त्वचा की परत (dark patches)।
🔸 ब्लड शुगर में असंतुलन (Imbalanced Blood Sugar)
– PCOS इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ा सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अस्थिर रहने लगता है।
🔸 दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा (Cardiovascular Risk)
– हार्मोनल असंतुलन और मेटाबॉलिक समस्याएं दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती हैं।
👉 इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। सही समय पर खानपान, व्यायाम, और डॉक्टर की सलाह से जीवनशैली में बदलाव करके PCOS को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
क्या आपको PCOS है?
कई बार महिलाएं अपने शरीर में हो रहे बदलावों को उम्र, तनाव या थकान का असर समझकर नज़रअंदाज़ कर देती हैं। लेकिन अगर ये बदलाव लगातार हो रहे हैं और आपकी दिनचर्या या आत्मविश्वास पर असर डाल रहे हैं, तो हो सकता है कि यह Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) का संकेत हो।
नीचे कुछ आम लक्षण और उनसे जुड़े संकेत दिए गए हैं। सोचिए — क्या आप इनमें से किसी का अनुभव कर रही हैं?
✅ क्या आपके पीरियड्स अनियमित रहते हैं या कई महीने तक नहीं आते?
👉 अगर आपके मासिक धर्म हर बार 28-30 दिनों में नहीं आता, या कभी 2-3 महीने तक नहीं आता, तो यह हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। कई महिलाओं को 35 दिन से ज्यादा लंबे साइकल या कभी-कभी पूरी तरह मिस होने वाले पीरियड्स का अनुभव होता है।
✅ क्या चेहरे, छाती या पेट पर अनचाहे बाल तेजी से बढ़ रहे हैं?
👉 PCOS में मेल हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे चेहरे (ठोड़ी, ऊपर होंठ), छाती, या पेट के निचले हिस्से पर मोटे और काले बाल उग सकते हैं। अगर आपको बार-बार थ्रेडिंग या वैक्सिंग करनी पड़ रही है, तो यह असामान्यता हो सकती है।
✅ क्या वज़न तेजी से बढ़ा है, और लाख कोशिशों के बाद भी कम नहीं हो रहा?
👉 PCOS के कारण शरीर इंसुलिन रेसिस्टेंस विकसित कर सकता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है—खासतौर पर पेट और कमर के आसपास। और जब डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद वज़न कम न हो, तो यह साफ़ संकेत है कि कुछ अंदरूनी गड़बड़ी है।
✅ क्या आपके चेहरे या पीठ पर बार-बार मुंहासे होते हैं, खासकर पीरियड्स के आसपास?
👉 हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को बार-बार हॉर्मोनल एक्ने हो सकती है — ये आमतौर पर ठोड़ी, जबड़े की लाइन, और पीठ पर दिखाई देती है। ये मुंहासे दर्दनाक भी हो सकते हैं और दाग छोड़ सकते हैं।
✅ क्या सिर के बाल पतले हो रहे हैं या झड़ रहे हैं?
👉 अगर आपके स्कैल्प से बाल अचानक कम हो रहे हैं, और आपको हेयरब्रश या तकिये पर बालों का गुच्छा दिखता है, तो यह एंड्रोजन के असंतुलन का नतीजा हो सकता है। यह स्थिति पुरुषों में देखे जाने वाले हेयर लॉस जैसी लग सकती है।
✅ क्या आप थकान, चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स महसूस करती हैं?
👉 PCOS केवल शारीरिक नहीं, मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। हर समय थकान महसूस होना, बिना वजह चिड़चिड़ापन, या भावनाओं में तेजी से बदलाव होना — ये सभी लक्षण आपके हार्मोन स्तर में असंतुलन से जुड़े हो सकते हैं।
अब क्या करें?
अब क्या करें?
अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से तीन या अधिक आप पर लागू होते हैं, तो गायनेकोलॉजिस्ट से मिलना अगला ज़रूरी कदम है। सही समय पर पहचान और इलाज से आप PCOS को नियंत्रण में रख सकती हैं — और अपनी सेहत को दोबारा पटरी पर ला सकती हैं।
अगर आप रांची में हैं और एक अनुभवी, समझदार और सहानुभूति से इलाज करने वाली डॉक्टर की तलाश में हैं, तो डॉ. अंशु अग्रवाल से परामर्श लेने पर विचार करें।
👉 वे पिछले 18+ वर्षों से महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की देखभाल कर रही हैं और PCOS जैसे हार्मोनल असंतुलनों के इलाज में उनका गहरा अनुभव है।
👉 Medifirst Hospital, Ranchi में उपलब्ध हैं और हर केस को समय लेकर, विस्तार से समझती हैं।
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हेल्दी डाइट (संतुलित और पौष्टिक आहार) PCOS के इलाज में कैसे मदद करती है?
PCOS के इलाज में दवाओं के साथ-साथ खानपान की भूमिका बेहद अहम होती है। एक संतुलित और पोषण से भरपूर डाइट ना सिर्फ लक्षणों को कम करती है, बल्कि पूरे शरीर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद देती है।
यहाँ जानिए कैसे एक हेल्दी डाइट आपके PCOS मैनेजमेंट में बदलाव ला सकती है:
1. हार्मोन बैलेंस में मदद करती है
Leafy vegetables (हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ), fatty fish (जैसे सैल्मन या मैकेरल), और olive oil जैसे न्यूट्रिएंट-रिच फूड्स शरीर में एंड्रोजन (male sex hormones) को संतुलित करने में मदद करते हैं। इससे चेहरे के बाल, मुंहासे और अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।
2. इंसुलिन रेसिस्टेंस को घटाती है
Whole grains (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस) और low glycemic index वाले फूड्स, जैसे मूंग दाल या चना, ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं।
Refined carbs (मैदा, सफेद ब्रेड, शक्कर) से बचने से इंसुलिन रेसिस्टेंस में सुधार होता है — जो कि PCOS की जड़ में होता है।
3. सूजन (Inflammation) को कम करती है
PCOS से जुड़ी क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (chronic inflammation – यानी शरीर में लंबे समय तक हल्की सूजन बनी रहना) को कम करने के लिए anti-inflammatory फूड्स फायदेमंद हैं।
जैसे – extra virgin olive oil, ब्रसल्स स्प्राउट्स, हरी सब्ज़ियाँ और हल्दी (turmeric)।
4. वज़न नियंत्रण में मददगार
वज़न घटाना PCOS मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है।
Lean protein (जैसे अंडा सफेद हिस्सा, चिकन, दालें), non-starchy vegetables (जैसे लौकी, तोरई, पालक) और मीठा कम करना आपके BMI को हेल्दी रेंज में रखने में मदद करता है।
5. फर्टिलिटी में सुधार करता है
जब आप प्रोसेस्ड फूड्स कम खाते हैं, हेल्दी फैट्स (जैसे नट्स, बीज, घी) शामिल करते हैं और पैक्ड फूड्स के लेबल पढ़कर समझदारी से चुनाव करते हैं—तो यह आपकी प्रजनन क्षमता (fertility) को बेहतर बनाने में मदद करता है।
👉 कुल मिलाकर, खानपान में बदलाव कोई सज़ा नहीं, बल्कि एक निवेश है आपकी सेहत के लिए।
PCOS को जड़ से ठीक करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही डाइट से लक्षणों को काफ़ी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
PCOS में क्या खाना चाहिए?
PCOS में संतुलित और पौष्टिक आहार (healthy diet) अपनाना बहुत ज़रूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको विदेशी या महंगे फूड्स खाना पड़े।
अगर आप बिहार या झारखंड से हैं, तो आपकी रसोई में पहले से ही कई ऐसी चीज़ें मौजूद हैं जो PCOS मैनेजमेंट में मदद कर सकती हैं।
नीचे दिए गए फूड्स हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, सूजन घटाने, और वजन कंट्रोल में रखने में असरदार माने जाते हैं:
🌾 1. साबुत अनाज (Whole Grains)
- चिउड़ा (पोहा), दलिया, हाथ का पिसा आटा (घूंघट गेहूं)
- भूंजा चना, ब्राउन राइस (अगर उपलब्ध हो)
➡ ये फाइबर से भरपूर होते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं।
🥦 2. मौसमी हरी सब्ज़ियाँ (Green & Seasonal Veggies)
- सजना का साग (सहजन), पालक, मेथी, चौलाई, तोरई, परवल
- कद्दू, करेला, बैंगन, सीजन के अनुसार
➡ ये एंटी-इंफ्लेमेटरी और लो-ग्लाइसेमिक होती हैं — इंसुलिन रेसिस्टेंस में मदद करती हैं।
🍲 3. दालें और प्रोटीन के स्रोत
- मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल
- देसी चना, सफेद चना (उबला हुआ)
- उबले अंडे (अगर आप खाते हैं)
➡ PCOS में प्रोटीन बहुत ज़रूरी है — यह वज़न नियंत्रण और हार्मोन बैलेंस दोनों में मदद करता है।
🥜 4. हेल्दी फैट्स
- सरसों का तेल (संतुलन में)
- भीगा हुआ बादाम, अखरोट, अलसी के बीज (flax seeds)
- घी – सीमित मात्रा में (घर का बना)
➡ ये हार्मोन प्रोडक्शन में हेल्प करते हैं, लेकिन मात्रा का ध्यान ज़रूरी है।
🍓 5. फल (लेकिन सही मात्रा और समय पर)
- सेब, अमरूद, जामुन, पपीता, संतरा
- खाली पेट या दो खाने के बीच में
➡ मीठे फल सीमित मात्रा में, और फ्रेश हों तो बेहतर।
☕ 6. क्या पिएं?
- गुनगुना पानी दिनभर में
- मेथी के दाने का पानी (रातभर भिगोकर सुबह पिएं)
- दालचीनी-जीरा हर्बल चाय (बिना चीनी)
➡ ये मेटाबॉलिज्म तेज करते हैं और सूजन को घटाते हैं।
✔ स्थानीय सुझाव:
- सुबह का नाश्ता न छोड़ें, भले हल्का हो (उबला चना, पोहा, दही)
- रात का खाना जल्दी और हल्का रखें
- हर भोजन में थोड़ा प्रोटीन शामिल करें
👉 अगर आप समझदारी से अपने रोज़ के खाने का चुनाव करें — बिना फैन्सी डाइट के भी आप PCOS को काफी हद तक काबू में रख सकती हैं।
PCOS में किन चीज़ों से बचना चाहिए?
PCOS मैनेजमेंट में सिर्फ ये जानना ज़रूरी नहीं कि क्या खाना है — बल्कि ये समझना भी जरूरी है कि किस चीज़ से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है।
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो हार्मोन असंतुलन, इंसुलिन रेसिस्टेंस, और सूजन को बढ़ा सकती हैं — खासकर जब उन्हें नियमित रूप से खाया जाए।
यहाँ कुछ आम चीज़ें दी गई हैं जो PCOS वाली महिलाओं को सीमित या पूरी तरह से टालनी चाहिए — खासकर अगर आप बिहार या झारखंड जैसे इलाकों में रहती हैं:
🍞 1. मैदा और सफेद आटा से बनी चीज़ें
- मैगी, समोसा, लिट्टी में अत्यधिक मैदा, बेकरी आइटम्स (केक, पेस्ट्री)
- सफेद ब्रेड, पिज़्ज़ा बेस, बिस्किट्स
➡ ये रिफाइंड कार्ब्स होते हैं जो ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल को बिगाड़ते हैं।
🧂 2. बहुत ज़्यादा तला-भुना खाना
- तेज तेल में बनी पूड़ी, पकौड़ी, आलू चॉप, चिकन रोल
➡ डीप फ्राई चीज़ें शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन बढ़ाती हैं, जिससे PCOS और खराब हो सकता है।
🍬 3. ज़्यादा मीठा या चीनी युक्त खाद्य पदार्थ
- मीठा सेवई, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, कोल्ड ड्रिंक, टेट्रा पैक जूस
➡ ये ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस को और बढ़ावा देते हैं।
🥔 4. हाई-स्टार्च सब्ज़ियाँ (सीमित मात्रा में लें)
- आलू, अरबी, शकरकंद
➡ ये सब्ज़ियाँ जल्दी ब्लड शुगर बढ़ा सकती हैं। हफ्ते में 1–2 बार ही खाएं — वो भी उबली या भुनी हुई।
🍗 5. प्रोसेस्ड मीट या ज्यादा ग्रेवी वाले स्ट्रीट फूड्स
- पैकेज्ड नॉनवेज, कबाब्स, भारी ग्रेवी वाली बिरयानी
➡ इनमें सैचुरेटेड फैट और प्रिज़र्वेटिव्स ज़्यादा होते हैं, जो हार्मोनल गड़बड़ी को बढ़ाते हैं।
🍹 6. मीठे पेय और पैकेज्ड ड्रिंक्स
- सॉफ्ट ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड मिल्क, पैक्ड जूस
➡ इनमें हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS) होता है, जो इंसुलिन पर बुरा असर डालता है।
⚠ Bonus: खाने की आदतें जो नुकसान पहुंचाती हैं:
- बार-बार भूखा रहना और एक साथ बहुत सारा खाना
- देर रात भारी खाना खाना
- खाना स्किप करना (खासकर नाश्ता)
➡ ये आदतें मेटाबॉलिक रेट को धीमा कर देती हैं और हार्मोन बैलेंस बिगाड़ती हैं।
👉 याद रखें: कोई एक चीज़ एक बार खाने से कुछ नहीं बिगड़ेगा, लेकिन हर दिन वही गलतियां दोहराना PCOS को लंबे समय तक बढ़ाता है।
स्मार्ट चॉइस और सादगी में समझदारी — यही फॉर्मूला है।
🗓️ 7 दिन का PCOS डाइट प्लान (स्थानीय भोजन के साथ)
डाइट के ज़रिए PCOS को मैनेज करने के लिए आसान टिप्स
PCOS को मैनेज करना सिर्फ दवाओं तक सीमित नहीं है — सही खानपान से भी आप अपने लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती हैं।
एक सोच-समझकर बनाई गई डाइट, हार्मोन बैलेंस को सुधारने, वज़न नियंत्रित रखने और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने में मदद करती है।
यहाँ कुछ आसान और असरदार डाइट टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनाया जा सकता है:
1. पोषण से भरपूर कार्ब्स चुनें (Choose Nutrient-Dense Carbs)
✅ साबुत अनाज जैसे दलिया, चिउड़ा, ज्वार, बाजरा या ब्राउन राइस अपनाएं
❌ मैदा, सफेद ब्रेड, और शक्कर से बने फूड्स से बचें
👉 अगर पास्ता खाना हो, तो ड्यूरम वीट (durum wheat) से बना पास्ता एक बेहतर विकल्प है।
2. हर भोजन को संतुलित बनाएं (Eat Balanced Meals)
हर प्लेट में थोड़ा प्रोटीन (जैसे दाल, अंडा, चना), फाइबर (हरी सब्ज़ियाँ, सलाद), और हेल्दी फैट्स (जैसे घी, अलसी के बीज) ज़रूर रखें।
❌ कभी भी खाना स्किप न करें, खासकर सुबह का नाश्ता — इससे ब्लड शुगर और एनर्जी लेवल स्थिर रहता है।
3. हाइड्रेटेड रहें (Stay Hydrated)
💧 दिनभर में 7–8 गिलास पानी पिएं
☕ हर्बल चाय जैसे मेथी-दालचीनी या तुलसी-अदरक वाली चाय लें
❌ कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड जूस और ज़्यादा कैफीन वाले पेय से बचें — ये ब्लड शुगर स्पाइक्स का कारण बनते हैं।
4. भाग का ध्यान रखें (Monitor Portion Sizes)
✅ छोटे कटोरे या प्लेट का इस्तेमाल करें — इससे खाना कम लेकिन संतुलित मात्रा में खाया जाता है
❌ ओवरईटिंग, चाहे हेल्दी खाना ही क्यों न हो, इंसुलिन लेवल को प्रभावित कर सकता है
👉 खाना धीरे-धीरे और ध्यान से खाएं — इससे पेट समय पर “भरा हुआ” सिग्नल भेजता है।
5. रूटीन बनाएं, रिज़ल्ट पाएं (Consistency Matters)
हर दिन डाइट में थोड़ा ध्यान देना, हफ्ते में एक बार डिटॉक्स करने से कहीं बेहतर होता है।
Consistency > Crash Diets
एक छोटी-छोटी आदत — जैसे समय पर खाना, संतुलित थाली, पर्याप्त पानी — आपकी सेहत पर बड़ा असर डाल सकती है।
PCOS को मैनेज करना आसान है, अगर आप धीरे-धीरे सही चॉइस को अपनी आदत बना लें।
PCOS डाइट से जुड़े आम मिथक और सच्चाई (Myths vs Facts)
PCOS को लेकर लोगों के बीच कई भ्रम (myths) फैले हुए हैं — खासकर डाइट से जुड़े हुए। ये गलतफहमियाँ अक्सर सही इलाज में देरी का कारण बनती हैं।
यहाँ कुछ आम मिथक और उनकी सच्ची जानकारी दी गई है, ताकि आप सही फैसले ले सकें:
PCOS-Friendly किचन के लिए 7 दिन की किराना लिस्ट

PCOS डाइट शुरू करने का पहला स्टेप है – अपनी किचन को सही चीज़ों से भरना।
नीचे दी गई लिस्ट आपकी 7-दिन की योजना को आसान बना देगी। ज़्यादातर चीज़ें आपके लोकल मार्केट या किराना स्टोर में आसानी से मिल जाएंगी।
🥦 सब्ज़ियाँ (Vegetables)
(Low-starch, anti-inflammatory, seasonal)
- पालक, मेथी, चौलाई
- परवल, तोरई, करेला
- सहजन (drumstick), लौकी, कद्दू
- टमाटर, प्याज़, खीरा, गाजर
- ब्रसल्स स्प्राउट्स (अगर मिल जाए)
🌾 अनाज और दालें (Grains & Pulses)
- दलिया (broken wheat)
- ब्राउन राइस / हाथ का पिसा घूंघट आटा
- चिउड़ा (पोहा), मुरमुरा
- मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल
- उरद दाल (भोजन विविधता के लिए)
🍽️ प्रोटीन के स्रोत (Protein Sources)
- भूना चना, सफेद चना (उबला हुआ)
- स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग/चना)
- अंडा (अगर खाते हैं)
- पनीर (लो-फैट)
- देशी चिकन (शुद्ध और घर पर बना)
🥜 हेल्दी फैट्स और सीड्स (Healthy Fats & Seeds)
- अलसी के बीज (flaxseeds)
- तिल / काले तिल
- भीगा हुआ बादाम और अखरोट
- सरसों का तेल / नारियल तेल
- देसी घी (सीमित मात्रा में)
🍎 फल (Fruits)
- सेब, अमरूद, संतरा
- पपीता, जामुन (सीज़नल)
- नींबू (डिटॉक्स और स्वाद दोनों के लिए)
☕ हर्बल ड्रिंक्स और स्पाइसेज़ (Herbal Teas & Spices)
- दालचीनी, जीरा, सौंफ, हल्दी
- तुलसी पत्ती, अदरक
- मेथी दाना (रातभर भिगोकर सुबह पानी पिएं)
❌ क्या न लें (Avoid These in Grocery Cart)
- मैदा, रिफाइंड बिस्किट
- पैक्ड जूस, कोल्ड ड्रिंक
- मीठे सीरियल, फ्लेवर्ड योगर्ट
- पैक्ड नूडल्स, इंस्टेंट फूड
- बहुत मीठी मिठाइयाँ
👉 इस लिस्ट को प्रिंट कर लें या फोन में सेव कर लें — ताकि हर हफ्ते आपकी खरीददारी PCOS मैनेजमेंट के हिसाब से स्मार्ट हो।
एक्सरसाइज़ और नींद: PCOS मैनेजमेंट में छुपे हुए हीरो
PCOS केवल डाइट से जुड़ी समस्या नहीं है — यह लाइफस्टाइल डिसऑर्डर भी है। और इसलिए, संतुलित भोजन के साथ-साथ रोज़ाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ और पूरी नींद लेना उतना ही ज़रूरी है।
हर दिन सिर्फ 30–40 मिनट की वॉक, या हल्का योग (जैसे तितली आसन, भुजंगासन, वज्रासन) हार्मोन बैलेंस में मदद करते हैं और इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारते हैं। स्ट्रेस कम होता है, मूड बेहतर होता है, और वज़न कंट्रोल में आता है — बिना भारी वर्कआउट के।
वहीं, हर रात 7–8 घंटे की गहरी नींद आपके शरीर को रिकवर करने, मेटाबॉलिज्म को स्थिर रखने, और ओव्यूलेशन को नियमित करने में मदद करती है। देर रात तक स्क्रीन पर रहने या अनियमित सोने की आदतें आपके हार्मोन साइकिल को और गड़बड़ा सकती हैं।
👉 याद रखें: PCOS में consistency सबसे बड़ा इलाज है — और एक्सरसाइज़ व नींद इसकी नींव हैं।
कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?
PCOS की शुरुआत में लक्षण हल्के हो सकते हैं — लेकिन अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह धीरे-धीरे शरीर और मानसिक सेहत दोनों को प्रभावित कर सकता है।
अगर नीचे दिए गए लक्षण लगातार बढ़ते जा रहे हैं, तो अब केवल डाइट या घरेलू उपाय काफी नहीं होंगे — यह संकेत हो सकते हैं कि PCOS बढ़ रहा है और आपको मेडिकल गाइडेंस की ज़रूरत है:
🚩 सतर्क हो जाइए अगर:
- आपका वज़न बिना वजह लगातार बढ़ रहा है, खासकर पेट और कमर के आस-पास
- आपके पीरियड्स हर महीने मिस हो रहे हैं, या दो-तीन महीनों तक नहीं आते
- चेहरे या ठोड़ी पर अत्यधिक बाल बढ़ रहे हैं, और स्कैल्प से बाल झड़ रहे हैं
- आपको दिनभर थकावट, भारीपन या मूड स्विंग्स महसूस होते हैं
- मुंहासे, पिग्मेंटेशन या ब्लड शुगर असंतुलन की समस्या बनी रहती है
👉 ऐसे लक्षण दिखें तो देर न करें — एक अनुभवी गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
अगर आप रांची में हैं, तो डॉ. अंशु अग्रवाल से सलाह लेना एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प हो सकता है।
वे महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, PCOS, और हार्मोनल असंतुलन से जुड़े मामलों में 18+ वर्षों का अनुभव रखती हैं।
📍Medifirst Hospital, Ranchi
📞 अपॉइंटमेंट बुक करें और पहला कदम आज ही उठाएं — आपकी सेहत इंतज़ार नहीं करती।
