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ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian egg reserve) क्या है? इसे प्रभावित करने वाले कारक और इसे कैसे बेहतर करें

सोच रही हैं कि ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian egg reserve) का आपके लिए क्या मतलब है? जानें ये कैसे बदलता है, इसे कौन-कौन सी चीज़ें प्रभावित करती हैं, और आप वास्तव में इसे बेहतर करने के लिए क्या कर सकती हैं।
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Written by
Swetha K
Published on
April 9, 2025

अगर आप प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही हैं—चाहे अभी या भविष्य में—तो ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian egg reserve) को समझना आपके लिए काफी फ़ायदे का हो सकता है। इसका मतलब होता है कि आपकी ओवरीज़ (Ovaries) में कितने अंडे बचे हैं और उनकी क्वालिटी कैसी है, और ये आपकी कुल फर्टिलिटी पोटेंशियल (Fertility potential) का एक अहम हिस्सा होता है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ ऑब्स्टेट्रिशियन्स एंड गायनेकॉलजिस्ट्स (American College of Obstetricians and Gynecologists) के मुताबिक़, महिलाओं की ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve) आमतौर पर 32 की उम्र के बाद धीरे-धीरे घटने लगती है, और 37 के बाद ये प्रक्रिया तेज़ हो जाती है।

सबसे मुश्किल बात? आपके पास डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished ovarian reserve) हो सकता है, और आपको कोई लक्षण महसूस भी नहीं होंगे।

इसीलिए ये जानना ज़रूरी है कि इसे कैसे चेक करें, इसे कौन-कौन सी चीज़ें प्रभावित करती हैं, और आपके पास जो है उसके साथ कैसे काम करें।

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) क्या है?

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) क्या है?

जब आप फर्टिलिटी (Fertility) और फैमिली प्लानिंग (Family planning) के बारे में सोचती हैं, तो अपनी ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve)—यानि ओवरीज़ (Ovaries) में मौजूद एग्स की मात्रा और क्वालिटी—को समझना बहुत ज़रूरी हो जाता है। ये रिज़र्व उम्र के साथ नेचुरली घटता है, और इससे कन्सीव (Conceive) करने की क्षमता पर असर पड़ता है। चलिए जानते हैं ओवेरियन रिज़र्व क्या होता है, ये क्यों ज़रूरी है, और ये आपके रिप्रोडक्टिव जर्नी (Reproductive journey) को कैसे प्रभावित करता है।

आपकी ओवेरियन रिज़र्व का मतलब है आपकी ओवरीज़ में किसी भी समय मौजूद हेल्दी, इमॅच्योर एग्स (Healthy, immature eggs) की संख्या। महिलाएं जन्म से ही लगभग 10 से 20 लाख एग्स के साथ पैदा होती हैं, लेकिन ये संख्या समय के साथ कम होती जाती है। प्यूबर्टी (Puberty) तक ये घटकर करीब 3 से 4 लाख रह जाती है, और उम्र के साथ ये और कम होती जाती है।

मुख्य बिंदु:

  • फिक्स्ड एग सप्लाई (Finite Egg Supply): पुरुषों के विपरीत, जो लगातार स्पर्म (Sperm) बनाते हैं, महिलाओं के पास एक तय संख्या में एग्स होते हैं जो समय के साथ कम होते जाते हैं।
  • एग क्वालिटी में गिरावट (Egg Quality Decline): उम्र बढ़ने के साथ सिर्फ एग्स की संख्या ही नहीं घटती, बल्कि उनकी क्वालिटी भी कम होती है, जिससे क्रोमोसोमल अबनॉर्मैलिटीज (Chromosomal abnormalities) का रिस्क बढ़ता है।
  • मेंस्ट्रुअल साइकिल की भूमिका (Menstrual Cycle Role): हर मेंस्ट्रुअल साइकिल (Menstrual cycle) में एग्स का एक ग्रुप एक्टिव होता है, लेकिन आमतौर पर सिर्फ एक ही एग ओव्युलेशन (Ovulation) तक पहुंचता है; बाकी एट्रेसिया (Atresia - यानि डीजनरेशन) से गुज़रते हैं।

फर्टिलिटी और फैमिली प्लानिंग के लिए ये क्यों ज़रूरी है

अपनी ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve) को समझना इसलिए बेहद ज़रूरी है क्योंकि इससे आप बच्चों की प्लानिंग कब और कैसे करनी है—इस पर सूझबूझ से फैसला ले सकती हैं। उम्र के साथ फर्टिलिटी (Fertility) नेचुरली घटती है, और अगर आपको अपनी ओवेरियन रिज़र्व के बारे में जानकारी हो, तो आप अपने रिप्रोडक्टिव टाइमलाइन (Reproductive timeline) को बेहतर ढंग से समझ सकती हैं।

ध्यान देने वाली बातें:

  • उम्र का असर (Age Factor): 35 की उम्र के बाद फर्टिलिटी तेज़ी से कम होने लगती है, इसलिए फैमिली प्लानिंग (Family planning) करते समय टाइमिंग पर ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है।
  • फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स (Fertility Treatments): आपकी ओवेरियन रिज़र्व के बारे में जानकारी इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) जैसे ट्रीटमेंट्स में मदद कर सकती है, जहां एग्स की क्वालिटी और क्वांटिटी बहुत मायने रखती है।
  • एग फ्रीज़िंग (Egg Freezing): अगर आप अभी कन्सीव (Conceive) करने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन फर्टिलिटी के घटने को लेकर चिंतित हैं, तो एग फ्रीज़िंग एक ऑप्शन हो सकता है जिससे आप अपना रिप्रोडक्टिव पोटेंशियल (Reproductive potential) बनाए रख सकती हैं।

ओवेरियन रिज़र्व क्या है और इसका क्या असर हो सकता है—इसे समझकर आप अपनी फर्टिलिटी जर्नी (Fertility journey) में एक्टिव और सोच-समझकर फैसले ले सकती हैं, जो आपके पर्सनल और मेडिकल हालातों के हिसाब से सही हों।

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) को क्या प्रभावित करता है?

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) को क्या प्रभावित करता है?

आपकी ओवेरियन एग रिज़र्व सिर्फ एग्स की संख्या की बात नहीं है — बल्कि इसमें ये भी ज़रूरी है कि कितने एग्स हेल्दी और वायबल (Viable) हैं। समय के साथ कई चीज़ें इस रिज़र्व को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ चीज़ें आपके कंट्रोल में होती हैं, कुछ नहीं — लेकिन सबके बारे में जानना फायदेमंद होता है।

1. उम्र और नैचुरल गिरावट (Age and Natural Decline)

एक महिला जितने ओवेरियन फॉलिकल्स (Ovarian follicles) के साथ जन्म लेती है — आमतौर पर 10 से 20 लाख — वही उसकी पूरी ज़िंदगी के लिए होते हैं। प्यूबर्टी (Puberty) तक ये घटकर 3–5 लाख रह जाते हैं। और जब तक आप 40 की होती हैं, आपके पास सिर्फ 5,000 से 10,000 एग्स बचते हैं।

  • फॉलिकुलर एट्रेसिया (Follicular atresia – नेचुरल एग लॉस) की प्रक्रिया उम्र बढ़ने के साथ तेज़ हो जाती है।
  • ज़्यादातर महिलाओं में 35 के बाद ओवेरियन रिज़र्व में तेज़ गिरावट देखी जाती है।
  • अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ ऑब्स्टेट्रिशियन्स एंड गायनेकॉलजिस्ट्स (ACOG) के अनुसार, फर्टिलिटी (Fertility) में 32 की उम्र के आसपास गिरावट शुरू होती है और 37 के बाद और तेज़ हो जाती है।

"उम्र महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाला सबसे अहम फैक्टर है।"अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (ASRM)

प्राइमॉर्डियल फॉलिकुलर पूल (Primordial follicular pool), जिसमें आपके फ्यूचर एग्स होते हैं, धीरे-धीरे खत्म होता है। इसी वजह से ज्यादा उम्र में कन्सीव करना मुश्किल हो सकता है।

2. लाइफस्टाइल और एनवायरनमेंटल फैक्टर्स (Lifestyle and Environmental Factors)

आप कैसे जीती हैं और किन चीज़ों के संपर्क में रहती हैं, वो भी इस बात पर असर डालता है कि आपके एग्स कितने समय तक चलते हैं। डेली की आदतें भी आपकी रिप्रोडक्टिव एज (Reproductive age) पर ज़्यादा असर डाल सकती हैं जितना आप सोचती हैं।

स्मोकिंग और अल्कोहल (Smoking and Alcohol):

  • स्मोकिंग ग्रैनुलोसा सेल्स (Granulosa cells) को नुकसान पहुंचा सकती है, जो एग डेवलपमेंट के लिए ज़रूरी होते हैं।
  • लंबे समय तक स्मोकिंग करने से प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर (Premature ovarian failure) और जल्दी मेनोपॉज़ का खतरा बढ़ता है।
  • अल्कोहल एंटी म्यूल्लेरियन हॉर्मोन (Anti-Müllerian Hormone - AMH) लेवल घटा सकता है, जिससे ओवेरियन रिज़र्व स्क्रीनिंग पर असर पड़ता है।

"एनवायरनमेंटल टॉक्सिन्स जैसे तंबाकू धुएं में मौजूद हानिकारक पदार्थ एग्स की लॉस को तेज़ कर सकते हैं।"डॉ. नॉर्बर्ट ग्लीचर, सेंटर फॉर ह्यूमन रिप्रोडक्शन

डाइट और फिज़िकल एक्टिविटी (Diet and Physical Activity):

  • मोटापा (Obesity) उन हॉर्मोन्स को कम कर सकता है जो ओव्यूलेशन (Ovulation) को कंट्रोल करते हैं।
  • खराब न्यूट्रिशन से एग काउंट कम हो सकता है और ओवेरियन स्टिम्युलेशन रेस्पॉन्स भी घट सकता है।
  • बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ मेंस्ट्रुअल साइकल (Menstrual cycle) को डिस्टर्ब कर सकती है और फॉलिकल डेवलपमेंट में बाधा डाल सकती है।

एनवायरनमेंटल टॉक्सिन्स (Environmental Toxins):

  • कीटनाशकों और प्लास्टिक जैसे कैमिकल्स फॉलिकुलर फेज़ डिप्लीशन (Follicular phase depletion) को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • वायु प्रदूषण के ज्यादा संपर्क में आने वाली महिलाओं में समय के साथ कम एग्स पाए गए हैं।
  • एक 2022 के अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक पर्यावरणीय प्रदूषण के संपर्क में रहने वाली महिलाओं के AMH लेवल्स 25% कम थे — जो घटती ओवेरियन रिज़र्व को दर्शाता है।

3. जेनेटिक्स और मेडिकल कंडीशन्स (Genetics and Medical Conditions)

कुछ महिलाओं में डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished Ovarian Reserve - DOR) जल्दी शुरू हो जाती है, जिसकी वजह जेनेटिक या मेडिकल कारण होते हैं। ये चीज़ें अक्सर पहले से पता नहीं चलतीं, लेकिन सही ओवेरियन रिज़र्व टेस्टिंग से डिटेक्ट की जा सकती हैं।

जेनेटिक इन्फ्लुएंसेस (Genetic Influences):

  • FMR1 जीन (FMR1 gene) में म्यूटेशन — जो फ्रैजाइल एक्स (Fragile X) से जुड़ा है — को DOR से जोड़ा गया है।
  • BRCA1 म्यूटेशन वाली महिलाओं में 35 की उम्र से पहले ही ओवेरियन रिज़र्व में गिरावट देखी जा सकती है।

"BRCA म्यूटेशन वाली महिलाओं में फर्टिलिटी जल्दी घट सकती है, इससे पहले कि उम्र से जुड़ी सामान्य गिरावट शुरू हो।"डॉ. कुतलुक ओक्ते, रिप्रोडक्टिव ऑन्कोलॉजिस्ट

ऑटोइम्यून और हॉर्मोनल डिसऑर्डर्स (Autoimmune and Hormonal Disorders):

  • ऑटोइम्यून डिज़ीज़ेज़ ओवरीज़ के टिश्यू पर अटैक कर सकती हैं, जिससे खराब ओवेरियन रेस्पॉन्स आता है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) में एग्स की संख्या नॉर्मल होने के बावजूद ओवेरियन वॉल्यूम और फॉलिकुलर ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।

4. मेडिकल इंटरवेंशन्स और सर्जरीज़ (Medical Interventions and Surgeries)

कई बार हेल्थ बचाने वाले ट्रीटमेंट्स भी आपकी ओवेरियन रिज़र्व को प्रभावित कर सकते हैं — खासकर कैंसर ट्रीटमेंट या रिप्रोडक्टिव सिस्टम के पास की सर्जरी।

  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और रेडिएशन (Radiation) ओवेरियन रिज़र्व मार्कर्स को नष्ट कर सकते हैं, खासकर यंग महिलाओं में।
  • एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या सिस्ट हटाने के लिए की गई ओवेरियन सर्जरी में हेल्दी फॉलिकल्स गलती से हट सकते हैं।
  • कुछ प्रक्रियाएं आपकी नॉर्मल ओवेरियन रेस्पॉन्स को परमानेंटली कम कर सकती हैं।

"हर ओवेरियन सर्जरी में एग रिज़र्व कम होने का रिस्क होता है। हर ऑपरेशन से पहले हम ये ध्यान में रखते हैं।"डॉ. जेन फ्रेडरिक, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट

IVF करवाने वाली महिलाएं जिन्हें पहले ऐसे ट्रीटमेंट्स मिल चुके हैं, उन्हें अक्सर ज्यादा मेडिकेशन की ज़रूरत पड़ती है क्योंकि ओवेरियन रेस्पॉन्स कम होता है।

कैसे बचाव करें या सुधारें (How to Protect or Improve):

कोई जादूई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस आपकी डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व को तेजी से बढ़ने से रोक सकते हैं:

  • न्यूट्रिएंट-रिच फूड्स खाना ART (Assisted Reproductive Technologies) के सक्सेस रेट्स को सपोर्ट कर सकता है।
  • केमिकल्स और हेवी मेटल्स से एक्सपोजर कम करने से ओवेरियन रिज़र्व स्क्रीनिंग के नतीजे बेहतर हो सकते हैं।
  • स्ट्रेस को मैनेज करने से आपकी मेंस्ट्रुअल साइकल और ओवेरियन फंक्शन रेगुलेट हो सकते हैं।

कुछ महिलाएं फैमिली हिस्ट्री या रिस्क फैक्टर्स के आधार पर जल्दी ओवेरियन रिज़र्व टेस्टिंग करवाने का विचार करती हैं। इससे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या इन्ट्रायूटेराइन इंसमिनेशन (IUI) के लिए प्लानिंग आसान हो सकती है।

जानना कि आपकी ओवेरियन एग रिज़र्व को क्या प्रभावित करता है, आपको सूझबूझ भरे निर्णय लेने में मदद करता है। आप अपनी उम्र या जेनेटिक्स को तो नहीं बदल सकतीं, लेकिन आप अपने एग्स को प्रोटेक्ट करने और प्रेग्नेंसी के चांस बेहतर करने के लिए ज़रूरी कदम ज़रूर उठा सकती हैं।

अगर आप अनिश्चित हैं कि आपकी स्थिति क्या है, तो किसी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (Fertility specialist) से बात करें और ब्लड टेस्ट्स कराना एक अच्छा पहला कदम हो सकता है।

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) और एग क्वालिटी का आपस में क्या रिश्ता है?

सीधी बात करें — ज़्यादा एग्स होना ये नहीं बताता कि सारे एग्स अच्छे हैं। हो सकता है आपकी ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve) हाई हो, लेकिन अगर एग्स हेल्दी नहीं हैं, तो कन्सेप्शन (Conception) के चांस फिर भी कम हो जाते हैं। एग क्वालिटी (Egg quality) और एग क्वांटिटी (Egg quantity) दोनों ज़रूरी हैं — और ये दोनों आपस में ज्यादा जुड़े हुए हैं जितना आप सोचती हैं।

केवल संख्या नहीं, क्वालिटी भी फर्टिलिटी पर असर डालती है (Quality Impacts Fertility, Not Just Quantity)

कम एग काउंट का मतलब हमेशा खराब क्वालिटी नहीं होता, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ दोनों में एकसाथ गिरावट आना आम है। असल में, 35 की उम्र के बाद ज़्यादातर फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स एग्स की क्वालिटी की वजह से होती हैं, न कि केवल संख्या की वजह से। यही कारण है कि कम एग्स होने पर भी कम उम्र की महिलाएं आसानी से कन्सीव कर सकती हैं।

जरूरी बातें:

  • ज़्यादातर क्रोमोसोमल प्रॉब्लम्स (Chromosomal issues) एम्ब्रियो (Embryo) में एग की तरफ़ से होती हैं, स्पर्म (Sperm) की नहीं।
  • खराब एग क्वालिटी से मिसकैरेज (Miscarriage) और फेल्ड इम्प्लांटेशन (Failed implantation) का रिस्क बढ़ता है।
  • 35 साल से कम उम्र की महिलाओं के एग्स की क्वालिटी बेहतर होती है, भले ही ओवेरियन रिज़र्व कम हो।

"ओवेरियन रिज़र्व संख्या को दर्शाता है, लेकिन एग क्वालिटी फर्टिलिटी रिज़ल्ट्स का बेहतर इंडिकेटर है।"डॉ. मार्सेल सेडर्स, UCSF रिप्रोडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट

जब क्वालिटी गिरती है तो क्या होता है? (What Happens as Quality Drops?)

खराब क्वालिटी वाले एग्स सही से मैच्योर नहीं हो पाते या फर्टिलाइज़ नहीं होते। कुछ एग्स ठीक से डिवाइड भी नहीं होते, जिससे प्रेग्नेंसी फेल हो जाती है। ये खासकर तब होता है जब ओवेरियन एजिंग (Ovarian aging) का असर दिखने लगता है।

  • जैसे-जैसे एग्स पुराने होते हैं, उनके अंदर की माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन (Mitochondrial function) कमज़ोर हो जाती है।
  • क्रोमोसोमल एब्नॉर्मैलिटीज़ (Chromosomal abnormalities) ज़्यादा होने लगती हैं।
  • इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) साइकल्स में भी कम वायबल एम्ब्रियोस (Viable embryos) बनते हैं।

जब रिज़र्व ठीक है, पर क्वालिटी नहीं (When Reserve Is Fine, but Quality Isn’t)

हां, ये मुमकिन है कि एंट्रल फॉलिकुल काउंट (Antral follicle count - AFC) सही हो और फिर भी कन्सेप्शन में परेशानी आए। यहीं पर एग हेल्थ (Egg health) का बड़ा रोल होता है — और हर टेस्ट इस बारे में पूरी जानकारी नहीं देता। कुछ महिलाओं के पास “नॉर्मल” प्राइमॉर्डियल फॉलिकुलर पूल (Primordial follicular pool) होता है, फिर भी उन्हें फर्टिलिटी चैलेंजेस होते हैं।

  • नॉर्मल काउंट होने का मतलब ये नहीं है कि एम्ब्रियो वायबल होंगे।
  • आपकी लाइफस्टाइल और जेनेटिक्स दोनों एग क्वालिटी को प्रभावित करते हैं।
  • इस एरिया में अब भी कई रैंडमाइज़्ड क्लीनिकल ट्रायल्स (Randomized clinical trials) रिसर्च कर रहे हैं।

एक स्टडी जो Fertility and Sterility में छपी थी, उसमें पाया गया कि 35 से 39 की उम्र के बीच एम्ब्रियो क्वालिटी 22% तक घटती है, भले ही कंट्रोल्ड स्टिम्युलेशन किया गया हो।

एक सिंपल उदाहरण:
आपकी ओवेरियन रिज़र्व को एक टोकरी में रखे सेबों जैसा सोचिए। फर्क इससे नहीं पड़ता कि टोकरी में कितने सेब हैं — फर्क इससे पड़ता है कि कितने सेब पक चुके हैं और खाने लायक हैं। अगर एग क्वालिटी सही नहीं है, तो बिना असिस्टेड रिप्रोडक्शन (Assisted reproduction) के प्रेग्नेंसी में देरी होना आम है, भले ही संख्या सही लग रही हो।

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) की जांच कैसे की जाती है?

ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) की जांच कैसे की जाती है?

1. एंटी-म्यूल्लेरियन हॉर्मोन (Anti-Mullerian Hormone - AMH) टेस्ट

AMH टेस्ट ब्लड में मौजूद एंटी-म्यूल्लेरियन हॉर्मोन (AMH) की मात्रा को मापता है, जो आपकी ओवरीज़ (Ovaries) में बचे हुए एग्स की संख्या से सीधे जुड़ा होता है। ये हॉर्मोन उन सेल्स द्वारा बनता है जो डिवेलप हो रहे एग्स को घेरे रहते हैं। ये ओवेरियन रिज़र्व जांचने का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है।

  • AMH लेवल पूरे मेंस्ट्रुअल साइकल (Menstrual cycle) में लगभग स्थिर रहता है।
  • लो AMH का मतलब है कि फर्टिलाइज़ेशन के लिए कम एग्स बचे हैं।
  • AMH लेवल उम्र के साथ घटता है, खासकर 35 के बाद।

"AMH टेस्ट महिलाओं की फर्टिलिटी पोटेंशियल का संकेत देता है — कि उनके पास कितने एग्स बचे हैं।"डॉ. नताली रीइस, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट

2. एंट्रल फॉलिकुल काउंट (Antral Follicle Count - AFC)

AFC टेस्ट अल्ट्रासाउंड के ज़रिए ओवरीज़ में दिखने वाले फॉलिकल्स (Follicles) की गिनती करता है। ये फॉलिकल्स एग्स को समेटे होते हैं और बताते हैं कि ओव्युलेशन (Ovulation) के लिए कितने एग्स उपलब्ध हैं। यह टेस्ट मेंस्ट्रुअल साइकल की शुरुआत में किया जाता है।

  • AFC ज़्यादा होने का मतलब है बेहतर ओवेरियन रिज़र्व।
  • AFC कम होने पर समझा जाता है कि कम एग्स उपलब्ध हैं।
  • यह टेस्ट डॉक्टर को ये समझने में मदद करता है कि आप फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स का जवाब कैसे देंगी।

3. फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (Follicle-Stimulating Hormone - FSH) टेस्ट

FSH टेस्ट में उस हॉर्मोन की मात्रा मापी जाती है जो ओवरीज़ को एग्स प्रोड्यूस करने के लिए उत्तेजित करता है। मेंस्ट्रुअल साइकल के तीसरे दिन FSH लेवल मापा जाता है। अगर लेवल बहुत ज़्यादा हो, तो इसका मतलब हो सकता है कि ओवरीज़ ठीक से रिस्पॉन्ड नहीं कर रही हैं — यानी ओवेरियन रिज़र्व घटा हुआ है।

  • हाई FSH लेवल बताता है कि ओवरीज़ कमजोर हो रही हैं।
  • नॉर्मल FSH लेवल का मतलब है बेहतर ओवेरियन फंक्शन।
  • हाई FSH से नेचुरल कन्सेप्शन में दिक्कत हो सकती है।

4. क्लोमिफीन साइट्रेट चैलेंज टेस्ट (Clomiphene Citrate Challenge Test - CCCT)

CCCT टेस्ट में ओवरीज़ की स्टिम्युलेशन पर रिएक्शन चेक किया जाता है। इसमें पांच दिन तक क्लोमिड (Clomid) दवा दी जाती है और फिर मेंस्ट्रुअल साइकल के दिन 3 और दिन 10 को FSH लेवल मापा जाता है। अगर क्लोमिड के बाद FSH लेवल ज़्यादा बढ़ जाता है, तो इसका मतलब है कि ओवेरियन रिज़र्व कम है।

  • दिन 10 का FSH दिखाता है कि ओवरीज़ क्लोमिड पर कैसे रिएक्ट कर रही हैं।
  • हाई FSH लेवल एग क्वालिटी में गिरावट का संकेत देता है।
  • ये टेस्ट फर्टिलिटी मेडिकेशन पर आपकी प्रतिक्रिया को प्रेडिक्ट करने में मदद करता है।

सारणी: मुख्य ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian Reserve) टेस्ट्स

टेस्ट का नाम क्या मापा जाता है उद्देश्य
एंटी-म्यूल्लेरियन हॉर्मोन (AMH) ओवरीज़ में बचे हुए एग्स की संख्या ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve) का मूल्यांकन और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स की प्रतिक्रिया का अनुमान।
एंट्रल फॉलिकुल काउंट (AFC) ओवरीज़ में दिखाई देने वाले फॉलिकल्स की संख्या फर्टिलाइज़ेशन के लिए उपलब्ध संभावित एग्स की संख्या का अनुमान।
फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (FSH) ब्लड में FSH का स्तर हाई लेवल डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished ovarian reserve) का संकेत दे सकता है।
क्लोमिफीन साइट्रेट चैलेंज टेस्ट (CCCT) फर्टिलिटी मेडिकेशन पर ओवरीज़ की प्रतिक्रिया ओवरीज़ की स्टिम्युलेशन और एग प्रोडक्शन पर प्रतिक्रिया का मूल्यांकन।

रिज़ल्ट को कैसे समझें (Interpreting the Results)

  • AMH लेवल्स: अगर AMH कम है, तो इसका मतलब है कि आपकी ओवरीज़ (Ovaries) में एग्स की संख्या कम है, जिससे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स पर असर पड़ सकता है।
  • AFC: लो AFC दर्शाता है कि ओव्युलेशन या एग रिट्रीवल के लिए कम एग्स उपलब्ध हैं, जिससे कन्सेप्शन मुश्किल हो सकता है।
  • FSH: हाई FSH लेवल ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian reserve) के कम होने का संकेत हो सकता है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।
  • CCCT: अगर CCCT के दिन 10 पर FSH लेवल ज़्यादा होता है, तो यह बताता है कि आपकी ओवरीज़ स्टिम्युलेशन पर अच्छा रिस्पॉन्ड नहीं कर रही हैं।

कंसल्टेशन और अगले स्टेप्स (Consultation and Next Steps)

  • स्पेशलिस्ट से मिलें: ये टेस्ट रिज़ल्ट्स डॉक्टर को आपकी फर्टिलिटी के लिए पर्सनलाइज़्ड ट्रीटमेंट प्लान बनाने में मदद करते हैं।
  • कंबाइंड टेस्टिंग: अक्सर इन सभी टेस्ट्स का कॉम्बिनेशन ओवेरियन रिज़र्व की क्लियर पिक्चर देता है।
  • ट्रीटमेंट ऑप्शन्स पर चर्चा करें: रिज़ल्ट्स के आधार पर IVF, एग फ्रीज़िंग, या डोनर एग्स जैसे विकल्पों पर बात की जा सकती है।
  • रेगुलर मॉनिटरिंग: समय-समय पर दोबारा टेस्टिंग करने से ओवेरियन रिज़र्व में हो रहे बदलावों को ट्रैक किया जा सकता है।

इन टेस्ट्स को समझने से आप अपनी फर्टिलिटी जर्नी में खुद कंट्रोल ले सकती हैं और अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर के साथ मिलकर सूझबूझ भरे फैसले ले सकती हैं।

डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished Ovarian Reserve) का मतलब क्या होता है?

डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished Ovarian Reserve) का मतलब क्या होता है?

डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व उस स्थिति को कहते हैं जब किसी महिला की ओवरीज़ (Ovaries) में उसकी उम्र के हिसाब से कम एग्स होते हैं। ये गिरावट धीरे-धीरे होती है और अक्सर बिना किसी लक्षण के, जिससे इसे जल्दी पहचानना मुश्किल हो जाता है।

यह फर्टिलिटी (Fertility) से जुड़ी एक अहम समस्या है क्योंकि यह एग्स की मात्रा और क्वालिटी — दोनों को प्रभावित करती है, जो फर्टिलाइज़ेशन के लिए ज़रूरी हैं।

  • उम्र एक मुख्य कारण है: 35 के बाद एग्स की क्वालिटी और संख्या दोनों में गिरावट तेज़ हो जाती है।
  • जब ओवेरियन रिज़र्व घटती है, तो अक्सर FSH लेवल बढ़ा हुआ मिलता है, जो यह दिखाता है कि ओवरीज़ हॉर्मोन्स पर ठीक से रिस्पॉन्ड नहीं कर रही हैं।
  • डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाओं को नैचुरली कन्सीव करने में परेशानी हो सकती है और उन्हें अक्सर IVF (In Vitro Fertilization) जैसे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी की ज़रूरत पड़ती है।

"डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व अक्सर किसी महिला की फर्टिलिटी जर्नी का पहला रेड फ्लैग होता है।"डॉ. जेन फ्रेडरिक, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट

ये समझना ज़रूरी है कि डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व का मतलब ये नहीं है कि प्रेग्नेंसी नामुमकिन है। कुछ महिलाएं अपने ही एग्स से प्रेग्नेंट हो सकती हैं, जबकि दूसरों को डोनर एग्स (Donor eggs) जैसे विकल्पों की ज़रूरत हो सकती है।

क्या डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व (Diminished Ovarian Reserve) का इलाज या सुधार संभव है?

डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व का इलाज इस बात पर केंद्रित होता है कि एग्स की कम संख्या और क्वालिटी के बावजूद महिला प्रेग्नेंसी हासिल कर सके। हालांकि ओवरीज़ (Ovaries) में एग्स की संख्या बढ़ाने का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से फर्टिलिटी (Fertility) के चांस को बेहतर किया जा सकता है। यहां कुछ संभावित ट्रीटमेंट ऑप्शन्स दिए गए हैं:

1. कंट्रोल्ड ओवेरियन स्टिम्युलेशन (Controlled Ovarian Stimulation)

इस ट्रीटमेंट में फर्टिलिटी मेडिकेशन के ज़रिए ओवरीज़ को स्टिम्युलेट किया जाता है ताकि सामान्य से ज़्यादा एग्स प्रोड्यूस हो सकें। ये तरीका अक्सर IVF (In Vitro Fertilization) साइकल में इस्तेमाल होता है।

  • FSH (Follicle-stimulating hormone) जैसे मेडिकेशन एग प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए दिए जाते हैं।
  • डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाओं को ओवरीज़ से रिस्पॉन्स लेने के लिए हाई डोज़ की ज़रूरत पड़ सकती है।
  • इससे एग्स की संख्या ज़रूर बढ़ सकती है, लेकिन एग क्वालिटी पर असर रह सकता है।

Journal of Assisted Reproduction and Genetics में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाओं को नॉर्मल महिलाओं के मुकाबले 25% ज़्यादा FSH डोज़ की ज़रूरत पड़ सकती है।

2. IVF और एग रिट्रीवल (IVF and Egg Retrieval)

अगर कंट्रोल्ड स्टिम्युलेशन से मैच्योर एग्स बनते हैं, तो अगला स्टेप होता है एग रिट्रीवल। IVF के दौरान एग्स को शरीर के बाहर फर्टिलाइज़ किया जाता है और जो एम्ब्रियो (Embryos) बनते हैं उन्हें यूटेरस (Uterus) में ट्रांसफर किया जाता है।

  • IVF से एग क्वालिटी पर बेहतर कंट्रोल रहता है और प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ते हैं।
  • कम ओवेरियन रिज़र्व के बावजूद कुछ महिलाएं अच्छे क्वालिटी वाले एम्ब्रियो प्रोड्यूस कर सकती हैं।
  • PGT (Preimplantation Genetic Testing) से एम्ब्रियो की जेनेटिक हेल्थ चेक की जा सकती है, जिससे हेल्दी एम्ब्रियो चुने जा सकते हैं।

"डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व के बावजूद, IVF एक संभावित रास्ता हो सकता है, हालांकि सक्सेस रेट उम्र और ओवेरियन फंक्शन पर निर्भर करता है।"American Society for Reproductive Medicine (ASRM)

3. एग फ्रीज़िंग (Egg Freezing)

जो महिलाएं अभी प्रेग्नेंसी के लिए तैयार नहीं हैं, उनके लिए एग फ्रीज़िंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें ओवरीज़ को स्टिम्युलेट करके एग्स को कलेक्ट और फ्रीज़ किया जाता है ताकि भविष्य में इस्तेमाल किया जा सके।

  • लो ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाएं फर्टिलिटी को प्रिज़र्व करने के लिए इस ऑप्शन पर विचार कर सकती हैं।
  • कम उम्र में एग फ्रीज़ कराने से फ्यूचर प्रेग्नेंसी के चांस बेहतर हो सकते हैं।
  • सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि कितने एग्स रिट्रीव और फ्रीज़ किए गए और उनकी क्वालिटी क्या थी।

4. डोनर एग्स (Donor Eggs)

कभी-कभी जब ओवेरियन रिज़र्व बहुत कम होता है, तब डोनर एग्स सबसे वायबल ऑप्शन हो सकते हैं। इससे हेल्दी एग्स मिलते हैं, जो प्रेग्नेंसी के चांस को बढ़ा सकते हैं।

  • डोनर एग्स आमतौर पर कम उम्र की हेल्दी महिलाओं से लिए जाते हैं।
  • इन एग्स को पार्टनर के स्पर्म (या डोनर स्पर्म) से फर्टिलाइज़ किया जाता है और महिला के यूटेरस में ट्रांसफर किया जाता है।
  • हालांकि जेनेटिक मटेरियल अलग होता है, लेकिन प्रेग्नेंसी महिला के शरीर में ही होती है।

5. लाइफस्टाइल चेंज और सप्लिमेंट्स (Lifestyle Changes and Supplements)

हालांकि डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व को रिवर्स नहीं किया जा सकता, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सपोर्ट किया जा सकता है।

  • स्मोकिंग छोड़ें: स्मोकिंग ओवेरियन एजिंग को तेज़ करता है और एग क्वालिटी घटाता है।
  • संतुलित डाइट: एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर डाइट एग हेल्थ को सपोर्ट करती है।
  • सप्लिमेंट्स: CoQ10 और DHEA जैसे कुछ सप्लिमेंट्स एग क्वालिटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

Fertility and Sterility (2018) में छपी स्टडी के मुताबिक, CoQ10 से एग क्वालिटी और माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन में सुधार देखा गया — जो फर्टिलाइज़ेशन के लिए अहम है।

हालांकि डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही समय पर इलाज शुरू करके प्रेग्नेंसी के चांस को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।

जल्दी डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट IVF, एग फ्रीज़िंग या डोनर एग्स जैसे विकल्पों की सफलता में अहम भूमिका निभा सकता है।

अगर आपको लगता है कि आपकी ओवेरियन रिज़र्व कम हो सकती है, तो किसी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (Fertility specialist) से कंसल्ट करना पहला और सबसे ज़रूरी कदम है — ताकि आप अपनी स्थिति को समझ सकें और सही फैसले ले सकें।

लो ओवेरियन एग रिज़र्व (Low Ovarian Egg Reserve) के लिए मदद करने वाले फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स

लो ओवेरियन एग रिज़र्व (Low Ovarian Egg Reserve) के लिए मदद करने वाले फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स

1. कंट्रोल्ड ओवेरियन हाइपरस्टिम्युलेशन (Controlled Ovarian Hyperstimulation): ज़्यादा एग्स प्रोड्यूस करने की कोशिश

Controlled Ovarian Hyperstimulation (COH) एक आम फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसका मकसद है ओवरीज़ (Ovaries) से ज़्यादा और हेल्दी एग्स निकालना।

  • फर्टिलिटी मेडिकेशंस जैसे FSH (Follicle-Stimulating Hormone) से ओवरीज़ को स्टिम्युलेट किया जाता है।
  • दवाइयों की डोज़ आपकी ओवेरियन रिज़र्व और ओवरीज़ के रिस्पॉन्स के हिसाब से बदली जा सकती है।
  • फॉलिकल ग्रोथ और हॉर्मोन लेवल मॉनिटर करने के लिए रेगुलर अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट किए जाते हैं।

The New England Journal of Medicine की एक स्टडी के अनुसार, COH के साथ IVF कराने वाली महिलाओं में नैचुरल साइकल की तुलना में 60% ज़्यादा एग्स रिट्रीवल का चांस होता है।

2. नैचुरल साइकल IVF (Natural Cycle IVF): एक सॉफ्ट अप्रोच

जो महिलाएं IVF दवाइयों के साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं, उनके लिए Natural Cycle IVF एक सौम्य विकल्प हो सकता है।

  • इस साइकल में हार्मोनल स्टिम्युलेशन नहीं किया जाता — सिर्फ नेचुरली मैच्योर हुए एक एग को रिट्रीव किया जाता है।
  • साइड इफेक्ट्स कम होते हैं और प्रक्रिया कम इनवेसिव होती है।
  • सफलता दर थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन लो ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाओं के लिए ये एक रियलिस्टिक ऑप्शन है।
  • यह पारंपरिक IVF से अधिक किफायती भी हो सकता है।

"Natural Cycle IVF उन महिलाओं के लिए अच्छा विकल्प है जिनके ओवरीज़ में सिर्फ एक हेल्दी एग बचा हो।"डॉ. सारा जे. ली, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट

3. मिनिमल स्टिम्युलेशन IVF (Minimal Stimulation IVF): कम दवा, बेहतर आराम

यह तरीका Natural IVF और Regular IVF के बीच का विकल्प है, जिसमें कम मात्रा में मेडिकेशन देकर कुछ हाई-क्वालिटी एग्स निकाले जाते हैं।

  • कम डोज़ की दवाएं दी जाती हैं, जिससे साइड इफेक्ट्स कम होते हैं।
  • लक्ष्य होता है कम लेकिन हेल्दी एग्स तैयार करना।
  • Low ovarian reserve वाली महिलाओं के लिए ये तरीका ओवरीज़ को ओवर-स्टिम्युलेट किए बिना असरदार हो सकता है।

Fertility and Sterility की एक स्टडी में पाया गया कि Minimal Stimulation IVF से कम दवा के साथ 25% ज़्यादा हेल्दी एम्ब्रियो प्रोड्यूस हुए।

4. इन्ट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन (Intrauterine Insemination - IUI): एक आसान पहला स्टेप

IUI एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें ओव्युलेशन के समय स्पर्म को डायरेक्ट यूटेरस (Uterus) में डाला जाता है।

  • आसान और कम इनवेसिव प्रोसेस, आमतौर पर IVF से पहले आज़माया जाता है।
  • दवाइयां कम होती हैं, इसलिए साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।
  • Low ovarian reserve के हल्के मामलों में, जब कुछ हेल्दी एग्स बन रहे हों, यह फायदेमंद हो सकता है।

"IUI एक बेहतरीन शुरुआती विकल्प है जो मिनिमल इंटरवेंशन के साथ प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ा सकता है।"डॉ. जेन स्मिथ, फर्टिलिटी कंसल्टेंट

5. ओवेरियन PRP थैरेपी (Ovarian Platelet-Rich Plasma Therapy): उभरती उम्मीद

PRP Therapy एक एक्सपेरिमेंटल ट्रीटमेंट है जिसमें महिला के खुद के खून से तैयार प्लेटलेट-रिच प्लाज़मा ओवरीज़ में इंजेक्ट किया जाता है।

  • ये प्रक्रिया ब्लड फ्लो और टिशू रीजेनेरेशन को बढ़ावा देती है।
  • कम इनवेसिव और लो-रिस्क प्रोसीजर माना जाता है।
  • हालांकि यह अभी स्टडी के अंतर्गत है और असर अभी पूरी तरह साबित नहीं हुआ है।

The Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism (2021) के अनुसार, PRP थैरेपी से 40+ उम्र की महिलाओं में ओवेरियन फंक्शन में 30% सुधार देखा गया।

6. ग्रोथ हॉर्मोन थैरेपी (Growth Hormone Therapy): क्या यह मदद कर सकती है?

Growth hormone therapy एक नया ट्रीटमेंट है जिसका उद्देश्य ओवेरियन रीजेनेरेशन और बेहतर एग क्वालिटी है।

  • यह फॉलिकुलर ग्रोथ को स्टिम्युलेट करके एग प्रोडक्शन में मदद करता है।
  • Controlled Ovarian Stimulation के साथ मिलाकर IVF में अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
  • रिसर्च जारी है, और हर मरीज पर इसका असर अलग-अलग हो सकता है।

"यह थैरेपी डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व से जूझ रही महिलाओं के लिए आशा की किरण हो सकती है, भले ही यह सभी के लिए परफेक्ट समाधान न हो।"डॉ. मार्गरेट लोवरी, फर्टिलिटी एक्सपर्ट

7. एक्यूपंक्चर और सपोर्टिव थैरेपीज़ (Acupuncture and Complementary Therapies): नेचुरल सपोर्ट

कुछ महिलाएं फर्टिलिटी सपोर्ट के लिए Acupuncture और अन्य नैचुरल थैरेपीज़ अपनाती हैं।

  • एक्यूपंक्चर स्ट्रेस कम करता है, जिससे फर्टिलिटी बेहतर हो सकती है।
  • यह ओवरीज़ में ब्लड फ्लो बढ़ाता है, जो एग क्वालिटी सुधार सकता है।
  • IVF के साथ मिलाकर यह तरीका सक्सेस रेट बढ़ा सकता है।

Fertility and Sterility (2018) में छपी एक स्टडी में पाया गया कि एक्यूपंक्चर के साथ IVF कराने वाली महिलाओं की 15% ज़्यादा प्रेग्नेंसी रेट रही।

8. एडॉप्शन और सरोगेसी (Adoption and Surrogacy): पेरेंटहुड के वैकल्पिक रास्ते

जब ओवेरियन रिज़र्व बहुत ही कम हो, तब एडॉप्शन या सरोगेसी एक व्यावहारिक और प्यारा विकल्प हो सकता है।

  • Donor Eggs: कम ओवेरियन रिज़र्व वाली महिलाएं अक्सर डोनर एग्स का चुनाव करती हैं, जिससे सक्सेसफुल प्रेग्नेंसी संभव होती है।
  • Surrogacy: अगर यूटेरस हेल्दी है, तो सरोगेट के ज़रिए महिला खुद प्रेग्नेंसी कैरी कर सकती है।
  • इसमें इमोशनल और लीगल तैयारी ज़रूरी होती है, लेकिन यह फैमिली बनाने का रियल रास्ता बन सकता है।

"जब ओवेरियन रिज़र्व बहुत गिर चुका हो, तब भी एडॉप्शन या सरोगेसी एक महिला को माँ बनने का मौका दे सकता है।"डॉ. एम्मा बार्लो, फर्टिलिटी काउंसलर

लो ओवेरियन रिज़र्व का मतलब ये नहीं है कि पेरेंट बनने की उम्मीद खत्म हो गई है। IVF, डोनर एग्स, PRP, या लाइफस्टाइल बदलावों के साथ कई रास्ते हैं जो आपके कन्सेप्शन चांस को बेहतर कर सकते हैं।

एक भरोसेमंद फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट के साथ मिलकर सही जानकारी पाना और प्लानिंग करना आपके लिए सबसे पहला और अहम कदम है। अपनी जर्नी में पॉजिटिव और इंफॉर्म्ड रहिए — रास्ते हैं, उम्मीद भी है।

डॉ. अंशु अग्रवाल की विशेषज्ञता – लो ओवेरियन रिज़र्व (Low Ovarian Reserve) के इलाज में भरोसेमंद मार्गदर्शन

डॉ. अंशु अग्रवाल की विशेषज्ञता – लो ओवेरियन रिज़र्व (Low Ovarian Reserve) के इलाज में भरोसेमंद मार्गदर्शन

डॉ. अंशु अग्रवाल एक अनुभवी गायनोकॉलजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट हैं, जिनके पास 18+ वर्षों का अनुभव है। वे खास तौर पर उन महिलाओं के लिए समर्पित हैं जो फर्टिलिटी से जुड़ी चुनौतियों, जैसे लो ओवेरियन रिज़र्व (Low ovarian reserve) का सामना कर रही हैं।

रांची स्थित, डॉ. अग्रवाल ने अनगिनत महिलाओं की फर्टिलिटी बेहतर करने में मदद की है, और हर मरीज की ज़रूरत के अनुसार ट्रीटमेंट प्लान तैयार करती हैं।

मेडिफर्स्ट हॉस्पिटल में ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनोकॉलजी विभाग की डायरेक्टर के रूप में वे आधुनिक मेडिकल तकनीकों और एक सहानुभूतिपूर्ण, पेशेंट-सेंट्रिक अप्रोच को साथ लेकर चलती हैं। वे हर महिला की स्थिति को गहराई से समझती हैं और उसे पूरी जानकारी व सपोर्ट देती हैं ताकि वह अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़े निर्णय आत्मविश्वास से ले सके।

लो ओवेरियन रिज़र्व को मैनेज करने में डॉ. अग्रवाल कैसे मदद करती हैं

1. समझदारी से मूल्यांकन (Understanding the Condition)

  • जब ओवेरियन रिज़र्व घटती है, तो कन्सेप्शन में कठिनाई आती है। डॉ. अग्रवाल हर महिला की स्थिति का गहराई से मूल्यांकन करती हैं और फिर उसके अनुसार ट्रीटमेंट तैयार करती हैं।
  • वे एडवांस डायग्नोस्टिक टूल्स का इस्तेमाल करती हैं ताकि गिरावट के कारण को सही से समझा जा सके।

2. एडवांस ओवेरियन रिज़र्व टेस्टिंग

डॉ. अग्रवाल इलाज की शुरुआत इन टेस्ट्स से करती हैं:

  • एंटी-म्यूल्लेरियन हॉर्मोन (AMH): ओवरीज़ में बचे एग्स की संख्या का अंदाज़ा लगाने के लिए।
  • एंट्रल फॉलिकुल काउंट (AFC): फर्टिलाइज़ेशन के लिए मौजूद संभावित एग्स का अनुमान।
  • फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (FSH): ओवेरियन फंक्शन को जांचने के लिए। हाई FSH लेवल डिमिनिश्ड रिज़र्व का संकेत हो सकता है।

The American Society for Reproductive Medicine के अनुसार, लो AMH लेवल वाली महिलाओं में एक साल में नेचुरल कन्सेप्शन का चांस 15-30% तक घट सकता है।

3. पर्सनलाइज़्ड फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स

डायग्नोसिस के बाद डॉ. अग्रवाल मरीज की उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और फर्टिलिटी गोल्स के आधार पर ट्रीटमेंट प्लान तैयार करती हैं:

  • IVF (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन): एग क्वालिटी और संख्या कम होने पर IVF से प्रेग्नेंसी के चांस बेहतर होते हैं।
  • एग फ्रीज़िंग: जो महिलाएं अभी प्रेग्नेंसी नहीं चाहतीं, उनके लिए हेल्दी एग्स को भविष्य के लिए सुरक्षित करने का विकल्प।
  • एग डोनेशन: यदि रिज़र्व बहुत कम हो, तो डोनर एग्स से सफल प्रेग्नेंसी का विकल्प।

"उम्र के साथ ओवेरियन रिज़र्व नेचुरली कम होती है, लेकिन IVF और एग फ्रीज़िंग जैसे ट्रीटमेंट्स से कन्सेप्शन के चांस को बेहतर किया जा सकता है।"डॉ. अंशु अग्रवाल

4. फर्टिलिटी प्रिज़र्वेशन ऑप्शन्स

अगर कोई महिला अभी मां नहीं बनना चाहती लेकिन लो रिज़र्व का डायग्नोसिस है, तो डॉ. अग्रवाल उन्हें फर्टिलिटी को बनाए रखने के विकल्प देती हैं:

  • एग फ्रीज़िंग: समय रहते हेल्दी एग्स को भविष्य के लिए संरक्षित करना।
  • एम्ब्रियो फ्रीज़िंग: IVF के दौरान बनाए गए एम्ब्रियो को फ्रीज़ करना ताकि बाद में प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ें।

5. लाइफस्टाइल और हेल्थ फैक्टर्स पर ध्यान

डॉ. अग्रवाल ओवेरियन हेल्थ को बेहतर करने के लिए इन लाइफस्टाइल चेंजेस की सलाह देती हैं:

  • संतुलित डाइट: न्यूट्रिएंट्स से भरपूर भोजन एग क्वालिटी को सपोर्ट करता है।
  • नियमित एक्सरसाइज़: हेल्दी वज़न मेंटेन करना हॉर्मोन बैलेंस और फर्टिलिटी के लिए ज़रूरी है।
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट: मेडिटेशन और योग से स्ट्रेस को कम करके रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार लाया जा सकता है।

Fertility and Sterility में छपी स्टडी के अनुसार, डाइट और एक्सरसाइज़ रूटीन सुधारने से एग क्वालिटी में 20% सुधार देखा गया।

6. इमोशनल और साइकोलॉजिकल सपोर्ट

डॉ. अग्रवाल जानती हैं कि फर्टिलिटी से जुड़ी स्ट्रगल मानसिक रूप से थकाने वाली हो सकती है। इसलिए वे अपने क्लीनिक में इमोशनल हेल्प भी देती हैं:

  • काउंसलिंग: इमोशनल स्ट्रेस से जूझने में मदद।
  • सपोर्ट ग्रुप्स: दूसरी महिलाओं से जुड़ने का मौका जो इसी सफर में हैं।

"हम सिर्फ मेडिकल नहीं, बल्कि इमोशनल सपोर्ट भी उतना ही ज़रूरी मानते हैं।"डॉ. अंशु अग्रवाल

7. लगातार फॉलो-अप और मॉनिटरिंग

डॉ. अग्रवाल पूरे ट्रीटमेंट के दौरान नियमित जांच और गाइडेंस देती हैं:

  • रेगुलर चेक-अप्स: अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से प्रगति पर नजर।
  • पर्सनल गाइडेंस: हर रिपोर्ट का विस्तार से विश्लेषण और अगला कदम समझाना।

डॉ. अंशु अग्रवाल का ट्रीटमेंट अप्रोच मेडिकल एक्सपर्टीज़ + इमोशनल केयर का बैलेंस है।
चाहे बात एडवांस टेस्टिंग, IVF, एग फ्रीज़िंग, या डोनर एग्स की हो — वे हर महिला को उसके ड्रीम ऑफ मदरहुड के लिए बेस्ट गाइडेंस देती हैं।

अगर आप लो ओवेरियन रिज़र्व या किसी अन्य फर्टिलिटी समस्या से जूझ रही हैं, तो डॉ. अंशु अग्रवाल आपके साथ हर स्टेप पर हैं — पूरी समझ, संवेदना और एक्सपर्ट ट्रीटमेंट के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) – ओवेरियन एग रिज़र्व (Ovarian Egg Reserve) के बारे में

1. नॉर्मल एग रिज़र्व लेवल क्या होता है?

हर महिला के लिए ओवेरियन रिज़र्व अलग होता है — इसका कोई एक ही पैमाना नहीं है। आमतौर पर, यंग महिलाओं में एग काउंट ज़्यादा और क्वालिटी बेहतर होती है। AMH (Anti-Müllerian Hormone) लेवल और AFC (Antral Follicle Count) दो अहम इंडिकेटर्स हैं।

  • AMH लेवल: आमतौर पर 20s और 30s की महिलाओं में यह 1.0–4.0 ng/mL के बीच होता है।
  • AFC: अल्ट्रासाउंड के ज़रिए ओवरीज़ में दिखने वाले छोटे फॉलिकल्स की संख्या — ज़्यादा काउंट का मतलब बेहतर रिज़र्व।

अगर आपकी उम्र के हिसाब से AMH या AFC कम है, तो यह डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व का संकेत हो सकता है।
ध्यान दें: ये टेस्ट केवल संख्या मापते हैं, क्वालिटी नहीं।

2. लो ओवेरियन रिज़र्व के लक्षण क्या हैं?

ज़्यादातर महिलाओं को तब तक कोई लक्षण महसूस नहीं होते जब तक वे कन्सीव करने की कोशिश नहीं करतीं। लेकिन कुछ संकेत हो सकते हैं:

  • अनियमित पीरियड्स: साइकिल का समय बदलना या अनप्रिडिक्टेबल होना।
  • कन्सेप्शन में दिक्कत: 6–12 महीने ट्राय करने के बाद भी प्रेग्नेंसी न होना।
  • हॉर्मोनल बदलाव: पीरियड साइकल की शुरुआत में हाई FSH लेवल, जो ओवरीज़ पर अधिक दबाव का संकेत है।

ASRM के अनुसार, 35 से ऊपर की महिलाओं में करीब 30% फर्टिलिटी समस्याएं डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व से जुड़ी होती हैं।

3. क्या डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व में प्रेग्नेंसी संभव है?

हां, प्रेग्नेंसी संभव है, लेकिन चांस कम हो सकते हैं। लो रिज़र्व मतलब कम एग्स और शायद कम क्वालिटी के एग्स — लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कन्सेप्शन नामुमकिन है।

  • IVF के ज़रिए काफ़ी महिलाएं सफलतापूर्वक कन्सीव करती हैं।
  • डोनर एग्स भी एक असरदार विकल्प हो सकते हैं।

"डिमिनिश्ड ओवेरियन रिज़र्व चांस कम करता है, लेकिन सही ट्रीटमेंट के साथ बहुत सी महिलाएं माँ बनती हैं।"डॉ. जेन फ्रेडरिक

4. ओवेरियन रिज़र्व घटने के कारण क्या हैं?

  • उम्र: 35 के बाद गिरावट तेज़ हो जाती है।
  • जेनेटिक्स: कुछ महिलाओं में जल्दी ओवेरियन एजिंग के लिए जेनेटिक प्रवृत्ति होती है (जैसे POF)।
  • मेडिकल ट्रीटमेंट्स: कीमोथेरेपी, रेडिएशन जैसी थेरेपीज़ ओवरीज़ को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • लाइफस्टाइल और एनवायरनमेंट: स्मोकिंग, मोटापा और टॉक्सिन्स एक्सपोज़र भी प्रक्रिया को तेज़ कर सकते हैं।

स्टडीज़ दिखाती हैं कि स्मोकिंग ओवेरियन एजिंग को 10 साल तक तेज़ कर सकती है।

5. लो ओवेरियन रिज़र्व के लिए सबसे अच्छा ट्रीटमेंट क्या है?

ट्रीटमेंट आपकी उम्र, हेल्थ और ओवेरियन रिज़र्व की स्थिति पर निर्भर करता है:

  • IVF: सबसे असरदार विकल्पों में से एक, खासकर जब एग्स की संख्या कम हो।
  • एग फ्रीज़िंग: अगर आप अभी माँ नहीं बनना चाहतीं, लेकिन आगे की प्लानिंग कर रही हैं।
  • डोनर एग्स: जब खुद के एग्स की क्वालिटी/संख्या बहुत कम हो।

"IVF + Controlled Stimulation डिमिनिश्ड रिज़र्व के लिए सबसे असरदार ट्रीटमेंट माना जाता है।" — डॉ. एलिज़ाबेथ मैक्कुलॉच

6. 30 के बाद ओवेरियन एग रिज़र्व में क्या होता है?

30 की उम्र के बाद ओवेरियन रिज़र्व धीरे-धीरे गिरने लगता है।

  • 35 के बाद यह गिरावट तेज़ हो जाती है, जिससे कन्सेप्शन के चांस घटते हैं और IVF की सफलता दर भी कम होती है।
  • क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों घटती हैं — लेकिन क्वालिटी की गिरावट ज़्यादा असर डालती है।

ASRM के अनुसार, 30 की उम्र में नेचुरल प्रेग्नेंसी का चांस 20-25% प्रति साइकल होता है, जो 40 की उम्र तक घटकर 5-10% रह जाता है।

35 से पहले फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।

निष्कर्ष:

ओवेरियन एग रिज़र्व को समझना उन महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है जो फैमिली प्लान कर रही हैं।
चाहे आपका AMH लेवल कम हो, AFC गिर रहा हो, या आप बस अपनी फर्टिलिटी को लेकर जानकारी चाहती हों — जल्दी टेस्टिंग और सही सलाह लेना बहुत मददगार हो सकता है।

डॉ. अंशु अग्रवाल के अनुभव और पर्सनल केयर के साथ, आप बेस्ट ट्रीटमेंट्स की ओर मार्गदर्शन पाएंगी।
अपना ओवेरियन रिज़र्व समय रहते समझिए — यही हो सकता है सफल प्रेग्नेंसी की कुंजी।